“धोखेबाज़ो के सरदार” निकले वो….
जिन्हें अब तक हम “मोहब्बत का बादशाह” समझ रहे थे.
-@nu🙁

….Those who turned out to be traitors, who till now we considered the king of love…..
-@nu😐
StrongSoulTalks
“धोखेबाज़ो के सरदार” निकले वो….
जिन्हें अब तक हम “मोहब्बत का बादशाह” समझ रहे थे.
-@nu🙁
….Those who turned out to be traitors, who till now we considered the king of love…..
-@nu😐
मेरे एहसास,
मेरे जज्बात …
सब मेरे ही रह गए,
तुम ने …….
तुम ने कुछ भी मेरे संग साँझा न किया.
😐@nu
by – Pragati Srivastava
मेरी आँखों के खुलने से बन्द होने तक…
मैं तुम्हें प्यार करूंगी सदा।।
मेरी बातों के शुरु होने से खत्म होने तक…
मैं तुम्हें प्यार करूंगी सदा।।
मेरे होंठो की हँसी से आँखों की नमी तक…
मैं तुम्हें प्यार करूंगी सदा।।
मेरी सांसों के चलने से रुक जाने तक…
मैं तुम्हें प्यार करूंगी सदा।।
मेरी खिलखिलाहट से खामोशी तक…
मैं तुम्हें प्यार करूंगी सदा ।।
मेरे गुलाबीपन से पीला पड़ जाने तक…
मैं तुम्हें प्यार करूंगी सदा।।
किनारों पर पहुंच कर क्षितिज तक…
मैं तुम्हें प्यार करूंगी सदा ।।
Anushree srivastava
Har rishtey ka naam ho,
ye jaruri to nahi
Tu khaas ho Aur mere pas bhi ho,
ye jaruri to nahi
Tere dil ki dor tann rahi mere dil se…
Isse pakdu na bhale Par chhod bhi du,
ye jaruri to nahi
Ehsaas se wakif hu mai tere Par Sab bol du,
ye jaruri to nahi
– @nu
_I am truly amazed by the support and fondness I get from my blog followers. ❤
_Thanks for being such an amazing supporter. ❤❤
Happy blogging 🤗🤗
तुम्हारे ही दिल से कुछ यूँ गुजरती हूँ मैं,
की तुम्हारे ही दिल की अब आवाज़ हूँ मैं।
वो राज़ जिसे तुम छिपा नहीं सकते,
वो अंदाज जिसे तुम भुला नहीं सकते।
तुम्हारे ही दिल से कुछ यूँ गुजरने लगी हूँ मैं,
की तुम्हारा हर ख्याल अब मैं ही मैं हूँ ।
जानती हूँ एक बड़ा सवाल हूँ मैं,
पर तुम्हारे हर सवाल का जवाब भी तो हूँ मैं ।
बन गयी हूँ तुम्हारे नज़रो के उजाले भी मैं,
तुम्हारे ख्वाबों में आ कर,
तुम्हारी धड़कनों की जुबां बन गयी हूँ मैं।
●- अनुश्री श्रीवास्तव 😊
तेरी मौजूदगी का एहसास कुछ यूँ चाहिए,
आँखें बन्द हो मेरी फिर भी सामने तू चाहिए ।
इन्तज़ार की हज़ार घड़ियां कुछ यूँ गुजरी है हमने,
कि अब सिर्फ़ हमें इन्तज़ार का प्रतिफल चाहिए ।
जिंदगी सकुशल बितानी है बेशक हमें,
पर सांसों से ज्यादा हमें तू रु-ब-रु चाहिए ।
राहों में संघर्ष ही संघर्ष हो तो क्या,
मुझे तुझमें ही “मेरा हमसफर” चाहिए।
तू आये जो शाम को थक कर,
मेरी गोदी में मुझे तेरा सिर चाहिए।
जब उंगलियाँ फेरु मैं तेरे बालों में,
तेरे माथे पर मुझको सुकून की लहर चाहिए।
आँखों में अश्क हो या होठों पे हँसी,
मुझे हर पल तू मेरे संग चाहिए।
मुझे सिर्फ़ तू ही तू “अरमान“,
और तेरी दुनिया पर मेरा हक़ चाहिए ।
●- अनुश्री श्रीवास्तव
स्वर्ग से गांधी जी का खत-
प्यारे देशवासियों,
मैं तो यहां बिल्कुल मस्त हूँ और देश आजाद करवा के तुम्हें दे आया हूँ तो तुम लोग भी मस्त ही होगे। क्या बताऊँ अब यहां दिल लग गया कि वहां आने का जी नहीं किया फिर। गोडसे भी यहीं है। शाम को रोज़ मिलता है लेकिन आजकल बात नहीं होती उससे मेरी। मुझे हिंसा नहीं पसंद और अब मैं दुबारा अपने सीने पर गोली नहीं खा सकता हूँ। इसलिये मैं उसे अपनी चुप्पी से मारता हूँ।हम दोस्त बन गये थे बीच में कि एक दिन स्वर्ग में टीवी आ गयी। उसमें कुछ लोग गान्धी-गोडसे पर बहस कर रहे थे। हम दोनों ही मुस्कुरा रहे थे। लेकिन जबसे ये बेकार बहस वाला रोग हमारे यहाँ लग गया तब से ही हम चुप रहने लगे। अच्छा, सुना है आजकल आपको नये राष्ट्रपिता मिला गये हैं।भारत के प्रधानमंत्री मेरे पीछे पड़े रहते हैं, नये राष्ट्रपिता जो बन गये हैं!😜 लेकिन आज सुबह ही वो मुझे पुकार रहे थे, अच्छे फूल भी चढाये हैं आज तो। गांधी का देश बनाना चाहते हैं। स्वच्छता अभियान भी चला दिये लेकिन लोग फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर चिपका दे रहे और हम यहां से देख ले रहे। देश इसी तरह स्वच्छ हो रहा। यहाँ का मीडिया अभी ऐडवांस नहीं हुआ ज्यादा। लेकिन चंद्रयान के बारे में सुनकर अच्छा अच्छा फील हुआ।
देशवासियों, गुप्त सूचना मिली है बिहार में बाढ़ का प्लान बनाया गया है यहां से। लेकिन सुशासन बाबू सब सम्भाल लेंगे। क्यूँ करें विचार, जब हैं नीतीश कुमार। उडते हुए अर्थव्यवस्था के बारे में भी सुनायी दिया है। अच्छे दिन आ रहे हैं परेशान न होइयेगा, रास्ते में हैं। तुम ही लोग सुधर जाओ तो दिन अच्छे आ ही जायेंगे।
यार, कभी-कभी बहुत बुरा लगता है हमको। सब जगह, स्कूल, कॉलेज, सरकारी या गैर-सरकारी कार्यालय में हमारी फोटो तो लगा दिये हो, भाव बढ़ गया है यहां भी हमारा! लेकिन फिर हमारे सामने ही खी-खी-खी “थोड़े और मिल जाते तो आपका काम जल्दी हो जाता” वाला काम भी करते हो। कसम से, लोट जाते हैं हम!
देशवासियों, हमको ब्रो,डूड बोलते हो तो अच्छा लगता है, समय के साथ यहां भी लोग मोडर्न हो रहे। बस यार कोसते वक़्त बुद्ढ़ा, बुढऊ न बोला करो। लोट जाते हैं हम!
सुनो, हर गांधी महात्मा नहीं होता यारों, तुम लोगों को समझ नहीं आता क्या? हर गुजराती गांधी भी नहीं हो जाता ब्रो!
जन्मदिन के कार्यक्रम और शुभकामनाओं के लिये हम और शास्त्री जी साथ में मुस्कुराते हुए धन्यवाद कह रहे।अब हम दोनों जा रहे केक काटने, गोडसे ने सीक्रेट पार्टी प्लान की है। हमने यहां भी आन्दोलन करके स्वर्ग-नरक एक करवा लिया है, सब लोग आ रहे आज।
हैव फन!
अच्छा बताओ आजाद भारत में मज़ा तो आ रहा न?
तुम्हारा बापू